

वन्दे मातरम दोस्तों,
अभी कुछ घंटे पहले ही सरकार की और से गरीबों को समाप्त करने की दिशा में एक और मजबूत कदम उठाया गया है. अब रसोई में गैस सिलेंडर ३५ रूपये और महंगा आएगा, डीजल केवल दो रूपये लीटर महंगा होगा और केरोसीन तेल बस तीन रूपये लीटर ही महंगा हुआ है. सरकार का कहना है की जितना तेल कम्पनियों को घाटा है उस हिसाब से तो ये बडोतरी कुछ भी नहीं है,
गरीबी समाप्त करने की दिशा में ये एक बड़िया सरकारी पहल है, गरीब को खाने के लाले तो पहले ही से थे कुपोषण के शिकार गरीब बच्चो की तादाद पहले ही देश में गिने जाने लायक नही है आंकड़ों में ये तादाद अगर बड़ भी जाये तो क्या? भुखमरी का शिकार होकर कुछ और लोग अगर मर भी जाएँ तो क्या? कम से कम सरकारी आंकड़ों में गरीबों की तादाद तो कम दिखाई देगी और सरकार के ***गरीब हटाओ*** नारे को और अधिक मजबूती मिलेगी.
सरकार में शामिल कुछ सियासी दल इस पर विरोध भी दर्ज करायेंगे, सरकार भी अपनी मजबूरी का वास्ता देगी और कुर्सी का लालच इन सभी को बाँधे रखेगा, विपच्छ भी अगले चुनाव को ध्यान में रख कर कुछ ना कुछ शोर शराबा जरूर करेंगे क्योंकि ये दिखाबा करना भी कुर्सी तक पहुचने का एक जरिया एक मात्र तरीका है और सत्ता की होड़ में बने रहने के लिए इन सब की मजबूरी भी है. कोई भी नेता या पार्टी कोई सार्थक पहल नही करेगा.
जनता जाये भाड़ में, सत्ता हमको प्यारी है,
कल मरती हो आज मरे, कौन रिश्तेदार हमारी है,
***जय कुर्सी देवा***
***जनता जाये भाड़ में, सत्ता हमको प्यारी है,
जवाब देंहटाएंकल मरती हो आज मरे, कौन रिश्तेदार हमारी है***