इस समूह को बनाने का एक मात्र मकसद आजादी पाने के लिए हमारे देश के हजारों लोगों ने जो कुर्वानी दी है उस कुर्वानी को हमेशा याद रखना और उन्होंने जिस आजाद भारत की कल्पना की थी उस सोच को साकार करने के लिए अपनी और से हर सम्भव कोशिश करना, सिर्फ इंटरनेट पर ही नही वास्तविक धरातल पर ऐसे लोगों को एक मंच पर लाकर खड़ा करना जिन के अंदर देश के लिए कुछ करने की इच्छा, लालशा इस हद तक को हो की अपने जीवन और देश में से एक को चुनने का मौका आने पर वो देश हित के लिए जान दे भी सके और जान ले भी सकें.
मंगलवार, 22 जून 2010
दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को कहा कि अधिकांश सरकारी विभागों में भ्रष्ट अधिकारी हैं जो गरीब लोगों के लिए निर्धारित धन हड़प रहे हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसे लोगों की जगह जेल होनी चाहिए। न्यायमूर्ति शिव नारायण ढींगरा ने कहा, डीडीए, पुलिस या फिर एमसीडी हो, यहां काम करने वाला 90 प्रतिशत स्टाफ भ्रष्ट है। भारत जिस क्षेत्र में अग्रणी है वह भ्रष्टाचार है। अदालत ने यह टिप्पणी एक राष्ट्रीयकृत बैंक के वरिष्ठ अधिकारी गोपाल कृष्ण की जमानत याचिका ठुकराते हुए की। कृष्ण इस समय भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में हैं। एक बालिका की शिकायत पर सीबीआई ने बैंक अधिकारी को गिरफ्तार किया था। बालिका ने प्रधानमंत्री रोजगार योजना के तहत दो लाख रुपये के ऋण के लिए आवेदन किया था जिसके एवज में उससे 20000 रुपये मांगे गए। जमानत याचिका ठुकराते हुए न्यायमूर्ति ने कहा, गरीबों की मदद के लिए कई सरकारी योजननाओं का लाभ उचित व्यक्ति को नहीं मिल पाता क्योंकि योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों में भ्रष्टाचार व्याप्त है। इस मामले का सबसे दुर्भाग्यपूर्ण पहलू यह है कि इसमें बैंक का उप प्रबंधक लिप्त है। अदालत ने कहा, सरकार द्वारा प्रधानमंत्री रोजगार योजना ऐसे वर्ग के लिए चलाई जा रही है जो निचले तबके के लोग हैं और धन के अभाव में कोई काम नहीं शुरू कर पाते हैं। कोर्ट ने इस पर बल दिया कि इसकी जांच होनी चाहिए कि ये योजनाएं जमीनी स्तर पर सही ढंग से लोगों को लाभ पहुंचा पा रही हैं या नहीं?
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दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को कहा कि अधिकांश सरकारी विभागों में भ्रष्ट अधिकारी हैं जो गरीब लोगों के लिए निर्धारित धन हड़प रहे हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसे लोगों की जगह जेल होनी चाहिए। न्यायमूर्ति शिव नारायण ढींगरा ने कहा, डीडीए, पुलिस या फिर एमसीडी हो, यहां काम करने वाला 90 प्रतिशत स्टाफ भ्रष्ट है।
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