इस समूह को बनाने का एक मात्र मकसद आजादी पाने के लिए हमारे देश के हजारों लोगों ने जो कुर्वानी दी है उस कुर्वानी को हमेशा याद रखना और उन्होंने जिस आजाद भारत की कल्पना की थी उस सोच को साकार करने के लिए अपनी और से हर सम्भव कोशिश करना, सिर्फ इंटरनेट पर ही नही वास्तविक धरातल पर ऐसे लोगों को एक मंच पर लाकर खड़ा करना जिन के अंदर देश के लिए कुछ करने की इच्छा, लालशा इस हद तक को हो की अपने जीवन और देश में से एक को चुनने का मौका आने पर वो देश हित के लिए जान दे भी सके और जान ले भी सकें.
मंगलवार, 12 अक्टूबर 2010
माँ रखियो लाज हमारी........
जय माता की,
माँ रखियो लाज हमारी,
माँ रखियो लाज हमारी........
तू खड़ग खप्पर को धारी,
कर मैं त्रिशूल है भारी,
तू करती सिंह सवारी,
तू दुष्टों की संहारी,
माँ रखियो लाज हमारी,
माँ रखियो लाज हमारी........
है जगत जननी जग माता,
है त्रिभुवन भाग्य विधाता,
है परम शक्ति परमेश्वरी,
है करूणा निधि करूनेश्वरी,
है दुख भंजन सुखकारी,
माँ रखियो लाज हमारी........
है चंड मुंड संहारिणी,
है रक्त बीज निस्तारिणी,
है शुम्भ निशुंभ पछाडिणी,
है महिसासुर प्राण निकारिणी,
हम आये शरण तुम्हारी,
माँ रखियो लाज हमारी........
है भैरव तारा जग तारिणि,
है मुंड माल गल धारिणी,
है दुर्गा दुर्ग विनासिनी,
है नगर कोट की वासिनी,
ना भ्रकुटी तने तुम्हारी,
माँ रखियो लाज हमारी........
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
माँ करियो बेडा पार जय हो माई .,,,
जवाब देंहटाएंआपको गोवर्धन अथवा अन्नकूट पर्व की हार्दिक मंगल कामनाएं,
जवाब देंहटाएंबेहद सुन्दर ब्लॉग व् आपके विचार राकेश जी.थैंक्स.
जवाब देंहटाएंब्लॉग टिप्पणियों पर गोल छवियां दिखाएं