इस समूह को बनाने का एक मात्र मकसद आजादी पाने के लिए हमारे देश के हजारों लोगों ने जो कुर्वानी दी है उस कुर्वानी को हमेशा याद रखना और उन्होंने जिस आजाद भारत की कल्पना की थी उस सोच को साकार करने के लिए अपनी और से हर सम्भव कोशिश करना, सिर्फ इंटरनेट पर ही नही वास्तविक धरातल पर ऐसे लोगों को एक मंच पर लाकर खड़ा करना जिन के अंदर देश के लिए कुछ करने की इच्छा, लालशा इस हद तक को हो की अपने जीवन और देश में से एक को चुनने का मौका आने पर वो देश हित के लिए जान दे भी सके और जान ले भी सकें.
मंगलवार, 12 अक्तूबर 2010
अब तो हम इनसान कहाएँ..........
वन्दे मातरम बंधुयों,
मन्दिर मस्जिद बहुत बनाये,
आओ मिलकर देश बनाये,
बहुत जिए हम जानवर बनकर,
अब तो इन्सां बनके दिखाएँ............
जाति और धर्म पर हमने,
युद्ध लड़े ना जाने कितने,
बहुत बहाया खूँ धरती पर,
अब प्रेम रस की गंगा बरसायें...........
दीवार लगा कर अलग कर दिया,
घर जो अपना साझा था,
अब वो वक्त आ गया है,
बीच कि ये दीवार गिराएँ...........
जोश जरूर रहे दिलों मैं,
जोश नजर आना चाहिए,
जो भी आँख उठाये वतन पर,
उस दुश्मन को मार गिराए...........
झगड़े अपने दुनिया देखि,
चल दुनिया को आज दिखाएँ,
मैं तेरे घर सींवई खाऊं,
तू मेरे घर दीप जलाये...........
आदमी रहे मगर हम,
आदमियत के पास ना गुजरे,
हम और हामी से दूर होकर,
अब तो हम इनसान कहाएँ..........
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