इस समूह को बनाने का एक मात्र मकसद आजादी पाने के लिए हमारे देश के हजारों लोगों ने जो कुर्वानी दी है उस कुर्वानी को हमेशा याद रखना और उन्होंने जिस आजाद भारत की कल्पना की थी उस सोच को साकार करने के लिए अपनी और से हर सम्भव कोशिश करना, सिर्फ इंटरनेट पर ही नही वास्तविक धरातल पर ऐसे लोगों को एक मंच पर लाकर खड़ा करना जिन के अंदर देश के लिए कुछ करने की इच्छा, लालशा इस हद तक को हो की अपने जीवन और देश में से एक को चुनने का मौका आने पर वो देश हित के लिए जान दे भी सके और जान ले भी सकें.
बुधवार, 1 सितंबर 2010
अनेकता मैं एकता से ही, मेरा देश महान है,......
वन्दे मातरम दोस्तों,
ये हमारी ही जमी है, ये हमारा ही चमन है,
स्वर्ग से भी सुंदर, प्यारा ये वतन है,.......
यहाँ लहलहाते खेत, पेड़ों पर झूले सावन के,
कितने प्यारे नौनिहाल हैं, अपने आंगन के,........
यहीं पे केवल ईद मनाते, हिन्दू देखे जाते हैं,
यहीं मुसलमाँ रंग लगाते, दीप जलते हैं,........
यहीं हिमालय ऊँचा करके, खड़ा है अपने भाल को,
भारत माँ के चरण पखारते देखा, महासागर विशाल को,.........
यहीं कदम कदम पर बोलियाँ, मैं फर्क दिखाई पड़ता है,
यहीं रहीम दुश्मन से देखो, राम की खातिर लड़ता है,.......
यहाँ अमरनाथ की गुफा के देखो, मुसलमाँ रखवाले हैं,
हिन्दू मुस्लिम मिल जुल कर, यहाँ सिरडी जाने वाले हैं,..........
यहाँ लोहड़ी की रेवड़ी, सब मिल जुल कर खाते हैं,
यहाँ क़िर्समस के त्यौहार को, मिल कर सभी मनाते हैं,.......
फर्क यहाँ पहनावे मैं, कदम कदम पर आता नजर,
फर्क यहाँ पर दिलों मैं, कभी नजर ना आता मगर,............
शहीदों की ये सरजमी, प्यारा ये हिंदुस्तान है,
अनेकता मैं एकता से ही, मेरा देश महान है,...........
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