इस समूह को बनाने का एक मात्र मकसद आजादी पाने के लिए हमारे देश के हजारों लोगों ने जो कुर्वानी दी है उस कुर्वानी को हमेशा याद रखना और उन्होंने जिस आजाद भारत की कल्पना की थी उस सोच को साकार करने के लिए अपनी और से हर सम्भव कोशिश करना, सिर्फ इंटरनेट पर ही नही वास्तविक धरातल पर ऐसे लोगों को एक मंच पर लाकर खड़ा करना जिन के अंदर देश के लिए कुछ करने की इच्छा, लालशा इस हद तक को हो की अपने जीवन और देश में से एक को चुनने का मौका आने पर वो देश हित के लिए जान दे भी सके और जान ले भी सकें.
गुरुवार, 5 अगस्त 2010
***देखि तेरी बाजीगरी सरकार***
वन्दे मातरम दोस्तों,
""बस एक ही उल्लू काफी है, बर्बाद गुलिस्ताँ करने को,
हर शाख पे उल्लू बैठा है, अंजामे गुलिस्ताँ क्या होगा,;;
कामन वैल्थ मैं पानी की तरह बहाया जाने वाला पैसा जो कुछ थोडा बहुत काम मैं लगेगा और अधिकांश ऊपर से लेकर नीचे तक अफसर नेता ठेकेदार के नापाक गठजोड़ से इस तिकड़ी की जेब मै जा रहा है, कामन वैल्थ के बाद कामन मैं की जेब से टेक्स के रूप मैं लिया ही जाना है इन देश के ठेकेदारों को कहाँ इस बात की चिंता है की बाड़ से करोड़ों रूपये का गेंहू नही सड़ा है बल्कि यह गेंहू जमा खोर अफसर नापाक गठजोड़ के चलते जान बूझ कर सड़ाया गया है जिससे जमाखोर मन माने रेट पर गेंहू को बेच सके. अब इस कामन वैल्थ के नाम पर दोनों हाथ से देश का धन इस तिर्मूरती द्वारा लूटा जा रहा है, मीडिया मैं खबर आने के बाद ये थोडा सा हंगामे का दिखावा तो सरकारी मशीनरी को करना ही था, मगर वास्तव मैं जिम्मेदार लोगों पर कोई कार्यवाही होनी ही नही है क्योंकि इस हमाम में सारे ही नंगे हैं, कौन किसके बारे मैं बोलेगा, कुछ दिन का दिखावा कमिशन या आयोग बनेगा और जाँच करेगा जाँच की दिशा पहले से ही तय सुदा किसी एक अफसर पर आकर रूक जाएगी उस एक अफसर को बली का बकरा बनाकर सरकार भी वाह वाही लूटेगी उसके बाद विपछ का हंगामा भी खत्म और इस देश की जनता वह तो बेहद ही भुल्लकड़ है कुछ दिन बाद उसे ही क्या याद रहना है, सो लूटने वाले भी मस्त और लुटने वाली गरीब जनता की तो नियति ही लूटना है.
***देखि तेरी बाजीगरी सरकार***
लूटती है तू नाना प्रकार,
***देखि तेरी बाजीगरी सरकार***
कीमत से ज्यादा किराया तू देती,
दोनों हाथो से दलाली तू लेती,
सब से निराला है तेरा व्यापार
***देखि तेरी बाजीगरी सरकार***
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
""बस एक ही उल्लू काफी है, बर्बाद गुलिस्ताँ करने को,
जवाब देंहटाएंहर शाख पे उल्लू बैठा है, अंजामे गुलिस्ताँ क्या होगा,;;
बहुत सुन्दर प्रस्तुती ,अच्छी सोच और देश भक्ति से निकली रचना | इसी तरह के सोच की आज जरूरत है इसी तरह ब्लॉग को एक माध्यम बनाने की जरूरत है देश और समाज को जगाने के लिए | लोग जब तक निडर होकर इन उल्लुओं को जूते का माला सरेआम नहीं पहनायेंगे तब तक इस देश में बदलाव नहीं आएगा |
जवाब देंहटाएं